BA Semester-5 Paper-2A History - History of Modern World (1453 A.D-1815 A.D) - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से 1815 ई.)

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2787
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A इतिहास - आधुनिक विश्व का इतिहास (1453 ई. से  1815 ई.) - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?

अथवा
फ्रांसीसी राज्यक्रान्ति का राजनीतिक व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा?
अथवा
फ्रांसीसी राज्यक्रान्ति कां विश्व राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ा है?

उत्तर -

फ्राँस की राज्यक्रान्ति के परिणाम - फ्रांस का क्रान्ति पूर्व समाज तीन भागों में बांटा था जो परिणामों की दृष्टि से आधुनिक विश्व की दो प्रमुख घटनाएँ हैं- फ्राँस की राज्यक्रान्ति और औद्योगिक क्रान्ति। औद्योगिक क्रान्ति ने जहाँ आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया, वहीं फ्रांस की राज्य क्रान्ति ने राजनीतिक विकास का। 1917 में रूस की क्रान्ति के पूर्व तथा कुछ जगहों पर इसके बाद भी फ्राँस की यह राज्यक्रान्ति विश्व की समस्त ऐतिहासिक एवं राजनीतिक घटनाओं को प्रभावित्र करती रही। फ्राँसीसी क्रान्ति के तीन प्रमुखत्तम आधार स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व आधुनिक काल में विश्व के लगभग सभी राष्ट्रों के राजनीतिक आदर्श रहे हैं।

पुरातन व्यवस्था का अन्त - फ्रांस का क्रान्ति पूर्व समाज तीन भागों में बांटा था जो फ्राँस की राज्यक्रान्ति ने पुरातन व्यवस्था को समाप्त कर दिया।। विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग को समाप्त कर जन-सामान्य को राहत प्रदान की। चर्च को दिया जाने वाला दशांश कर सहित सभी विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए। प्राचीन सामन्ती शासन के प्रायः सभी नियमों को अब रद्द कर दिया गया। मध्यम वर्ग के सदस्यों ने चर्चों की जमीन और जनता की सामूहिक जमीन को खरीद लिया। अभिताज वर्ग के व्यक्तियों की जमीनें भी जब्त कर ली गईं। विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों को समाप्त कर दिया गया। जब नेपोलियन ने फ्रांस की राजासत्ता अपने हाथों में ले ली तो देश में नोपेलियन की नियमावली लागू कर दी गई।

नई अर्थव्यवस्था का उदय - फ्राँस में क्रान्ति का एक स्थायी परिणाम यह रहा कि जिस सामन्ती प्रणाली को उखाड़ फेंका गया था, उसी जगह अब एक नई अर्थव्यवस्था को जन्म दिया गया। वाणिज्य तथा व्यापार के क्षेत्र में भी असहस्तक्षेप की नीति अपनाई गई। इस नीति ने पूँजीवाद को प्रोत्साहित किया। राज्यतंत्र के वापस आने पर भी पुनः सामन्ती व्यवस्था को वापस नहीं लाया जा सका, न ही नई अर्थतंत्रीय प्रणाली को समाप्त किया जा सका और न ही आधुनिक उद्योग वाणिज्य के मालिकों की बढ़ती शक्ति को रोका जा सका।

आधुनिक राजनीतिक व्यवस्था का उदय - फ्रांस का क्रान्ति पूर्व समाज तीन भागों में बांटा था जो फ्राँस की क्रान्ति ने 'राष्ट्र' शब्द का आधुनिक अर्थ स्पष्ट किया। अब फ्राँस केवल वह देश-प्रदेश नहीं रहा जिसे लोग फ्राँस के नाम से जानते थे, बल्कि फ्राँस का अर्थ 'फ्रॉस के लोगों द्वारा समझा जाने लगा। इससे प्रभुसत्ता के विचार का आविर्भाव हुआ। प्रभुसत्ता अर्थात् कोई राष्ट्र अपने स्वयं के कानूनों और प्रभुत्व के अलावा किसी और कानून या प्रभुत्व को मान्यता नहीं देगा। लोगों के ऊपर कोई शासक नहीं हो सकता केवल एक गणतन्त्र होगा जिसकी सरकार लोगों के प्रति उत्तरदायी होगी। इस तरह राष्ट्रीय भावना का जन्म हुआ। जैकोबिन संविधान के अन्तर्गत समस्त लोगों को मताधिकार और विद्रोह करने का अधिकार दिया गया। संविधान में यह स्पष्ट लिखा गया कि सरकार का यह कर्त्तव्य होगा कि वह प्रत्येक नागरिक की आजीविका का प्रबन्ध करे। सरकार का उद्देश्य समस्त जनता को सुखी बनाना रखा गया।

यह उद्देश्य कभी भी पूरा नहीं किया जा सका किन्तु वास्तव में यह इतिहास में पहला लोकतंत्रीय संविधान था। इस सरकार ने फ्राँसीसी उपनिवेशों में दासता समाप्त कर दी। नेपोलियन ने गणतंत्र को समाप्त कर साम्राज्य को स्थापित किया किन्तु गणतंत्र की भावना नष्ट न हो सकी। नेपोलियन की हार के बाद पुराना शासक वर्ग फिर गद्दी पर लौट आया। किन्तु 1830 1848 की क्रान्तियों में राजतंत्र को उखाड़ फेंका गया। अंततः 1871 में पुनः गणतंत्र की स्थापना हुई।

स्वतंत्रता, समानता एवं भ्रात्त्व का विकास - फ्राँस के लिए ही नहीं वरन् सम्पूर्ण मानव समाज के इतिहास के लिए फ्राँसीसी क्रान्ति की शाश्वत् देन, वे सिद्धांत हैं, जिन्हें उसने उत्पन्न किया और अत्यधिक लोकप्रिय बनाया। ये सिद्धांत थे- समानता, स्वतंत्रता तथा भ्रातृत्व भावना। स्वतंत्रता की माँग में सम्पत्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, शारीरिक स्वतंत्रता, विचारों तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता थी। आने वाले विश्व में स्वतंत्रता विश्व की परिपाटी बन गई। समानता का सिद्धांत स्वतंत्रता का ही एक अंग है। फ्राँस की क्रान्ति ने धर्म, आर्थिक व कानूनी आधार पर विशेषाधिकार को अमान्य कर दिया। 1792 में स्त्रियों की समानता की माँग की गई। भ्रातृत्व की भावना का सिद्धांत मूलतः राष्ट्रीय देश-प्रेम का सिद्धांत था, जिसके अंतर्गत एक देश के नागरिक दूसरे देश के नागरिक के साथ इस बन्धन में बँधे हुए थे। यह एक राष्ट्र की अवधारणा का निर्माण करता था।

विश्व पर प्रभाव - फ्राँस की क्रान्ति ने समस्त विश्व को हिला दिया। विश्व के अनेक भागों पर इसका सीधा असर आने वाले वर्षों में महसूस किया गया। यूरोप के लगभग सभी देशों में और दक्षिण व मध्य अमरीका में अनेक क्रान्तिकारी आंदोलन इससे प्रेरित हुए। 19वीं सदी के प्रारम्भ (1815-1848) में यूरोप के अनेक देशों में और अमरीका में जो परिवर्तन हुए उनमें से कुछ क्रान्ति और नेपोलियन के युद्धों के कारण पड़ने वाले प्रत्यक्ष व तात्कालिक कारण थे। फ्राँसीसी क्रान्ति के कारण यूरोप में धार्मिक सहिष्णुता की भावना को बल मिला तथा लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार मिले। नेपोलियन के शासनकाल में चर्च का पुनरुद्धार हुआ। परन्तु चर्च का अब वही स्वरूप नहीं रहा। नवीन चर्च का स्वरूप अब पुराने चर्च के स्वरूप से उतना ही भिन्न था जितना लुई सोलहवें के शासन काल से नेपोलियन का शासनकाल। धर्म तथा राजनीति के पृथक्करण का मुद्दा पहली बार इसी क्रान्ति के दौरान उठा और राज्य को धर्म से बिल्कुल अलग कर दिया गया। इस तरह क्रान्ति के फलस्वरूप संपूर्ण विश्व में धर्मनिरपेक्षता की भावना प्रबल हुई।

बौद्धिक जागृति - फ्राँसीसी क्रान्ति शैक्षिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी उपलब्धिपूर्ण थी। इसने शिक्षा को चर्च की अधीनता से मुक्त कराकर राष्ट्रीय, सार्वभौमिक और धर्मनिरपेक्ष आधार प्रदान किया। बौद्धिक क्षेत्र में फ्राँस की इस राज्यक्रान्ति ने आधुनिक विश्व का मार्गदर्शन किया। नेपोलियन द्वारा क्रियान्वित शिक्षा पद्धति का प्रतिपादन क्रान्तिकारी नेताओं ने ही किया था। यूरोपीय साहित्य का स्वच्छंदतावादी आंदोलन फ्राँसीसी राज्यक्रान्ति का ही परिणाम था।

समाजवाद का प्रारम्भ - इस क्रान्ति के परिणामस्वरूप समाजवाद का मार्ग प्रशस्त हुआ। कृषक- दासता तथा सामंतवाद का अन्त, चर्च एवं सामन्तों के विशेषाधिकारों की समाप्ति, समान कानून, कर्जदार को जेल में बंदी बनाकर न रखना, चर्च की भूमि पर किसानों का प्रभुत्व आदि कारणों से समाजवाद की पृष्ठभूमि तैयार हुई। क्रान्तिकारी अन्य देशों की पीड़ित जनता को अपना भाई समझते थे। इस प्रकार उन्होंने बंधुत्व का नारा देकर कार्ल मार्क्स का मार्ग प्रशस्त किया।

यूरोप में प्रतिक्रियावादी युग का आरम्भ - क्रान्ति के बाद यूरोप के शासक प्रतिक्रियावादी बन गए। नेपोलियन के पतन के बाद यूरोप के शासक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मंच पर प्रत्येक निर्णय क्रान्ति के भय को मद्देनजर रखकर करने लगे। विएना काँग्रेस (1814 ई.) के सभी निर्णय इसी आधार पर किए गए थे कि क्रान्ति का फिर से विस्फोट न हो जाए तथा फ्राँस शक्तिशाली न बन जाए। 1815 से 1848 तक यूरोप का इतिहास 'प्रतिक्रियावाद का युग' के नाम से प्रसिद्ध है।

फ्राँसीसी क्रान्ति कोई स्थानीय घटना नहीं थी, इसने फ्राँस की जनता को ही नहीं, अपितु यूरोप और सारे विश्व की जनता को प्रभावित किया। जर्मन दार्शनिक कांट ने इसे विवेकी विजय कहा। हैगल जैसे विचारकों ने क्रान्ति की याद में पौधे लगाए। बस्तील के पतन के बाद सैंट पीटसबर्ग की सड़कों पर विद्यार्थी खुशी से नाचे। अंग्रेज कवि वर्ड्सवर्थ ने अभिभूत होकर अपने युवा एवं फ्राँसीसी न होने पर दुःख प्रकट किया। इंग्लैण्ड के प्रमुख हिग नेता फाक्स ने क्रान्ति को अपना समर्थन दिया और कहा कि, "फ्राँस की क्रान्ति" के परिणाम इतने दूरगामी रहे कि उनका कोई भी सन्तोषजनक मूल्यांकन करने पर वे सम्पूर्ण फ्राँस का इतिहास एवं 1789 से यूरोप का स्वरूप लेंगे। ऐसा कहा जाने लगा कि, "यदि फ्राँस को जुकाम होता है तो समस्त यूरोप छींकता है।"

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- यूरोप में राष्ट्रीय राज्यों के उदय का वर्णन कीजिए और उनके पतन की समीक्षा कीजिए
  2. प्रश्न- फिलिप-II की विदेश नीति एवं धार्मिक नीति की विवेचना कीजिए।
  3. प्रश्न- फिलिप-II की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  4. प्रश्न- एक वंशानुगत शासक के रूप में चार्ल्स पंचम की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- रूस के आधुनिकीकरण हेतु पीटर महान ने क्या उपाय किये
  6. प्रश्न- "एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैंड के इतिहास का स्वर्ण युग था।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
  7. प्रश्न- सामन्तवाद के पतन के लिए उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए। (कानपुर 2012)
  8. प्रश्न- यूरोपीय सामन्तवाद की विशेषतायें बताइये।
  9. प्रश्न- स्पेन के सम्राट चार्ल्स पंचम पर संक्षिप्त नोट लिखिए।
  10. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के कारण स्पष्ट कीजिए।
  11. प्रश्न- निरंकुशवाद की विशेषतायें बताइये।
  12. प्रश्न- राष्ट्रीय राज्यों के उदय के परिणामों पर प्रकाश डालिए।
  13. प्रश्न- स्पेन के उत्कर्ष के क्या कारण थे?
  14. प्रश्न- रूस के पीटर महान का प्रबुद्ध निरंकुश शासक के रूप में मूल्याँकन कीजिए।
  15. प्रश्न- चार्ल्स पंचम के शासनकाल की प्रमुख गतिविधियों का वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की गृह नीति की विवेचना कीजिए।
  17. प्रश्न- सोलहवीं सदी में यूरोप में राष्ट्रीयता का उदय किन तत्वों के अन्तर्सयोजन का परिणाम था?
  18. प्रश्न- स्पेन के पंतन के क्या कारण थे?
  19. प्रश्न- नीदरलैण्ड के विद्रोह के क्या कारण थे?
  20. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ ने फ्रांस को किस प्रकार सुदृढ़ किया था? स्पष्ट कीजिए।
  21. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
  22. प्रश्न- कैथेरिन द्वितीय के जीवन चरित्र एवं कार्यों का मूल्याँकन कीजिए।
  23. प्रश्न- पीटर महान की 'खुली खिड़की' की नीति के विषय में आप क्या जानते थे? इस नीति के क्रियान्वयन में वह कहाँ तक सफल रहा?
  24. प्रश्न- प्रबुद्ध निरंकुशवाद के पतन के क्या कारण थे?
  25. प्रश्न- फर्डीनेण्ड और ईसाबेला की उपलब्धियों पर प्रकाश डालिए।
  26. प्रश्न- फिलिप द्वितीय की गृहनीति की विवेचना कीजिए।
  27. प्रश्न- तानाशाही के गुण एवं दुर्गुण क्या हैं?
  28. प्रश्न- हेनरी चतुर्थ की विदेश नीति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृहनीति का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- कैथरीन द्वितीय की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- हेनरी अष्टम् की धार्मिक नीति का वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- मेरी ट्यूडर का मूल्याँकन कीजिए।
  33. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय की विदेश नीति पर प्रकाश डालिए।
  34. प्रश्न- हेनरी अष्टम् व पोप के मध्य संघर्ष का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- चार्ल्स पंचम की धार्मिक नीति पर प्रकाश डालिए।
  36. प्रश्न- क्या फ्रेडरिक महान को सही अर्थों में एक प्रबुद्ध निरंकुश शासक कहा जा सकता है?
  37. प्रश्न- लुई ग्यारहवाँ क्या वास्तव में 'फ्रांसीसी राष्ट्र निर्माता' था? स्पष्ट कीजिए।
  38. प्रश्न- प्रोटेस्टेण्ट धर्म की विशेषताएँ क्या थीं?
  39. प्रश्न- 16वीं सदी की धार्मिक उथल-पुथल का क्या प्रभाव पड़ा?
  40. प्रश्न- काल्विनवाद की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- ऐंग्लिकन चर्च का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- काल्विनवाद के प्रमुख सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  43. प्रश्न- पुनर्जागरण से क्या तात्पर्य है? पुनर्जागरण के विभिन्न कारणों का उल्लेख कीजिए।
  44. प्रश्न- पुनर्जागरण के कारणों का उल्लेख कीजिए।
  45. प्रश्न- यूरोपीय देशों के जनजीवन पर पुनर्जागरण के प्रभावों की विस्तार सहित व्याख्या कीजिए?
  46. प्रश्न- यूरोप में पुनर्जागरण के फलस्वरूप मानव के सामाजिक, धार्मिक एवं आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन हुए? स्पष्ट कीजिए।
  47. प्रश्न- पुनर्जागरण की शुरूआत इटली से ही क्यों हुई?
  48. प्रश्न- पुनर्जागरण की प्रमुख विशेषताएँ या लक्षण क्या थे?
  49. प्रश्न- पुनर्जागरण का राजनीतिक क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा था?
  50. प्रश्न- पुनर्जागरण का स्थापत्य कला के क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ा?
  51. प्रश्न- पुनर्जागरण का मूर्तिकला के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  52. प्रश्न- पुनर्जागरण का संगीत कला पर क्या प्रभाव पड़ा?
  53. प्रश्न- पुनर्जागरण का विज्ञान के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  54. प्रश्न- पुनर्जागरणकाल के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  55. प्रश्न- जर्मनी में पुनर्जागरण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- रोम में पुनर्जागरण से आप क्या समझते हैं?
  57. प्रश्न- पुनर्जागरण काल में इटली में साहित्य एवं कला के विकास की विवेचना कीजिए।
  58. प्रश्न- पुनर्जागरण का साहित्य के क्षेत्र में क्या प्रभाव पड़ा?
  59. प्रश्न- यूरोप में धर्म सुधार आन्दोलन का वर्णन कीजिए। काल्विनवाद तथा लूथरवाद की तुलना कीजिए।
  60. प्रश्न- काल्विनवाद से आप क्या समझते हैं? काल्विन का लूथर से तुलनात्मक अध्ययन कीजिए।
  61. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्व एवं परिणामों का वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- धार्मिक सुधार प्रतिक्रिया आन्दोलन में कौन-कौन से सहायक तत्त्व थे?
  63. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इस आन्दोलन की पृष्ठभूमि तथा कारणों की व्याख्या कीजिए।
  64. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के तात्कालिक कारण बताइये।
  65. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के बौद्धिक जागरण सम्बन्धी कारण बताइये।
  66. प्रश्न- धर्म सुधार के आर्थिक एवं धार्मिक कारणों का उल्लेख कीजिए।
  67. प्रश्न- धर्म सुधार के राजनीतिक कारणों को समझाइये।
  68. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन में मार्टिन लूथर के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
  69. प्रश्न- प्रतिधर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझतें हैं?
  70. प्रश्न- "धर्म सुधार आन्दोलन पोप-पद की सांसारिकता का भ्रष्टाचार के विरुद्ध एक नैतिक विद्रोह था।' वाइनर एवं मार्टिन के इस कथन की विवेचना कीजिए।
  71. प्रश्न- प्रति धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? इसके महत्व और परिणामों का विश्लेषण कीजिए।
  72. प्रश्न- प्रतिवादी धर्म सुधार आन्दोलन को निरूपित कीजिए।
  73. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  74. प्रश्न- धर्म सुधार आंदोलन के परिणामों की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  75. प्रश्न- मार्टिन लूथर के बारे में आप क्या जानते हैं?
  76. प्रश्न- मार्टिन लूथर के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के आर्थिक कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  78. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के क्या राजनीतिक कारण थे?
  79. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का तात्कालिक कारण क्या था?
  80. प्रश्न- आग्सबर्ग संधि की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  81. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन का यूरोप के राजनैतिक और आर्थिक विकास पर क्या प्रभाव पड़ा?
  82. प्रश्न- ऐंग्लिकन विचारधारा का धर्म सुधार आन्दोलन में क्या योगदान रहा?
  83. प्रश्न- इंग्लैंड में धर्म सुधार के क्या कारण थे?
  84. प्रश्न- जैसुइट संघ का महत्व बताइए।
  85. प्रश्न- फ्रांस में धर्म सुधार आन्दोलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  86. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के स्वरूप को बताइये।
  87. प्रश्न- जर्मनी के धर्म सुधार आन्दोलन के क्या कारण थे?
  88. प्रश्न- धर्म सुधार आन्दोलन के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- यूरोप में कैथोलिक चर्च ने धार्मिक आन्दोलनों को रोकने के लिए क्या प्रयास किए? इन प्रयासों में उसे कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई?
  90. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के विकास की प्रमुख घटनाओं का सविस्तार वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के कारणों की व्याख्या कीजिए।
  92. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के क्या परिणाम हुए व इसका यूरोपीय इतिहास में क्या महत्व है?
  93. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  94. प्रश्न- वेस्टफालिया की सन्धि पर संक्षित टिपणी लिखिए।
  95. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या प्रावधान थे?
  96. प्रश्न- वेस्टफेलिया की सन्धि के क्या परिणाम हुए?
  97. प्रश्न- तीस वर्षीय युद्ध में स्पेन की पराजय के क्या कारण थे?
  98. प्रश्न- इंग्लैण्ड ने सन् 1688 ई. की क्रान्ति के कारणों तथा परिणामों की व्याख्या कीजिए। इस क्रान्ति को 'गौरवपूर्ण (वैभवशाली) क्रान्ति तथा रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  99. प्रश्न- 1688 ई. क्रान्ति के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  100. प्रश्न- क्रान्ति के प्रभाव अथवा परिणामों का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- हेनरी सप्तम ने इंग्लैण्ड में किस प्रकार एक सुदृढ़ राज्य की स्थापना की थी? समझाइये।
  102. प्रश्न- हेनरी सप्तम की गृह नीति अथवा आन्तरिक उपलब्धियों के बारे में ज्ञात कीजिए।
  103. प्रश्न- हेनरी सप्तम की सफलता के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  104. प्रश्न- हेनरी सप्तम की विदेश नीति के बारे में बताइए।
  105. प्रश्न- एलिजाबेथ का शासनकाल इंग्लैण्ड के इतिहास में स्वर्ण युग था। इस कथन के औचित्य को सिद्ध कीजिए।
  106. प्रश्न- ग्रेट ब्रिटेन में संसदीय सुधारों का क्रमागत अध्ययन प्रस्तुत कीजिए। (कानपुर 2018)
  107. प्रश्न- एलिजाबेथ के शासनकाल में इंग्लैण्ड की नीति के प्रमुख उद्देश्य क्या थे?
  108. प्रश्न- एलिजाबेथ की वैदेशिक उपलब्धियों को समझाइये।
  109. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रान्ति के धार्मिक परिणाम क्या निकले?
  110. प्रश्न- गुलाबों के युद्ध के महत्त्व को समझाइए।
  111. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- इंग्लैण्ड की वैभवपूर्ण क्रान्ति का महत्व बताइये।
  113. प्रश्न- एलिजाबेथ के समझौते पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए।
  114. प्रश्न- चार्ल्स द्वितीय कौन था?
  115. प्रश्न- इंग्लैंड के द्वितीय गृहयुद्ध (1646-1649 ई.) के संक्षिप्त परिणाम लिखिए।
  116. प्रश्न- एलिजाबेथ के चरित्र का वर्णन कीजिए।
  117. प्रश्न- 1688 की गौरवपूर्ण क्रान्ति के राजनीतिक, धार्मिक तथा तात्कालिक कारणों को संक्षेप में बताइए।
  118. प्रश्न- इंग्लैण्ड की क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति क्यों कहा जाता है?
  119. प्रश्न- इंग्लैण्ड के भारतीय उपनिवेश की स्थापना पर प्रकाश डालिए।
  120. प्रश्न- इंग्लैण्ड की एलिजाबेथ प्रथम की विदेश नीति का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  121. प्रश्न- 'इंग्लैण्ड' में संसदीय व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिये।
  122. प्रश्न- गौरवपूर्ण क्रांति के परिणाम स्पष्ट कीजिए।
  123. प्रश्न- इंग्लैंड द्वारा उत्तरी अमेरिका में उपनिवेश की स्थापना का वर्णन कीजिए।
  124. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति से आप क्या समझते हैं? अमेरिकी क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  125. प्रश्न- अमेरिका की क्रांति के घटना चक्र का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- क्रान्ति पूर्ण अमेरिका की स्थिति पर प्रकाश डालिए तथा अंग्रेजों की असफलता के कारण बताइए।
  127. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप क्या था? क्रान्ति के प्रभावों की विवेचना कीजिए।
  128. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के महत्व का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए।
  129. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
  130. प्रश्न- औद्योगिक क्रान्ति प्रभावों को विवेचना कीजिए।
  131. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति का स्वरूप बताइए।
  132. प्रश्न- अमेरिका में उपनिवेशवाद के महत्व पर प्रकाश डालिये।
  133. प्रश्न- अमेरिका के स्वतन्त्रता संग्राम के दो कारण बताइये।
  134. प्रश्न- 'बोस्टन टी पार्टी' से आप क्या समझते हैं?
  135. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के प्रमुख कारणों में उस पर इंग्लैण्ड द्वारा लगाये जाने वाले नवीन कर व एक्ट भी थे। स्पष्ट कीजिए।
  136. प्रश्न- अमेरिकी क्रांति के महत्व का परीक्षण कीजिए
  137. प्रश्न- अमेरिकी क्रान्ति के परिणामों को संक्षेप में बताइए।
  138. प्रश्न- "फ्रांस की क्रांति जितनी शस्त्रों का संघर्ष थी उतनी ही विचारों की " कथन को स्पष्ट कीजिए।
  139. प्रश्न- 1789 की क्रांति से पूर्व फ्रांस की राजनैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक दशा का वर्णन कीजिए।
  140. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के तात्कालिक, सामाजिक तथा राजनीतिक कारणों को बताइए।
  141. प्रश्न- बौद्धिक आन्दोलन का फ्रांस की क्रांति पर क्या प्रभाव पड़ा?
  142. प्रश्न- फ्राँस में ही क्रान्ति क्यों हुई? स्पष्ट करें।
  143. प्रश्न- फ्रांस की राज्य क्रान्ति के क्या परिणाम थे?
  144. प्रश्न- सन् 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के महत्त्व पर प्रकाश डालिए। फ्रांस में ही क्रान्ति पहले क्यों हुई?
  145. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति के प्रारम्भ होने के प्रमुख कारण बताइये।
  146. प्रश्न- स्वतन्त्रता, समानता तथा बन्धुत्व की भावनाएँ 1789 की फ्रांसीसी क्रान्ति का परिणाम थी। परीक्षण कीजिए।
  147. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति (सन् 1789 ई.) के राजनैतिक कारण बताइए।
  148. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रान्ति की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  149. प्रश्न- रूसो कौन था उसके विचारों की समीक्षा कीजिए।
  150. प्रश्न- 1789 ई. की फ्रांसीसी क्रान्ति के आर्थिक कारणों की विवेचना कीजिए।
  151. प्रश्न- दांते कौन था? फ्रांसीसी क्रान्ति में उसका क्या योगदान रहा?
  152. प्रश्न- वाल्टेयर तथा दिदरों के विचारों को स्पष्ट कीजिए।
  153. प्रश्न- क्वेस्ने तथा मान्टेस्क्यू के विचारों को प्रस्तुत कीजिए।
  154. प्रश्न- फ्रांसीसी क्रांति का प्रारम्भ किस प्रकार हुआ?
  155. प्रश्न- 1789 की फ्रांस की क्रांति की विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
  156. प्रश्न- बास्तील के पतन पर संक्षित टिपणी लिखिये।
  157. प्रश्न- फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की मुख्य कमियों की विवेचना कीजिए।
  158. प्रश्न- "जैकोबिन क्लब" की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  159. प्रश्न- जिरोंदिस्तों की फ्रांस की क्रांति में क्या भूमिका थी?
  160. प्रश्न- 1789 ई. में फ्रांस की क्रांति के समय तत्कालीन राजा और रानी की भूमिका का वर्णन कीजिए।
  161. प्रश्न- फ्रांस में 14 जुलाई का महत्व क्यों है?
  162. प्रश्न- "नेपोलियन क्रांति का मित्र एवं शत्रु दोनों था।" चर्चा कीजिये।
  163. प्रश्न- 1799 के संविधान पर प्रकाश डालिए। प्रथम सलाहकार के रूप में नेपोलियन के कार्यों का वर्णन कीजिए।
  164. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था क्या थी? इसकी असफलता के क्या कारण थे?
  165. प्रश्न- महाद्वीपीय व्यवस्था की असफलता को समझाइए।
  166. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के पतन के क्या कारण थे?
  167. प्रश्न- "मैं क्रान्ति का पुत्र हूँ।"मैंने क्रान्ति को नष्ट किया।" नेपोलियन के इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  168. प्रश्न- 'यदि नेपोलियन बोनापार्ट का अन्त वर्ष 1807 में हो जाता, तो वैश्विक सैन्य इतिहास में वह सर्वश्रेष्ठ माना जाता।" कथन का परीक्षण कीजिए।
  169. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के पुनर्निर्माण के लिए क्या प्रयत्न किये?
  170. प्रश्न- नेपोलियन की महाद्वीपीय व्यवस्था संक्षेप में बताइए।
  171. प्रश्न- टिलसिट की सन्धि पर एक टिप्पणी लिखिए।
  172. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट के प्रारम्भिक जीवन का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  173. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट वाटरलू के युद्ध में क्यों असफल रहा?
  174. प्रश्न- 1804 1807 के मध्य नेपोलियन के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  175. प्रश्न- नेपोलियन के सौ दिनों के शासन पर लेख लिखिए।
  176. प्रश्न- सम्राट के रूप में नेपोलियन का मूल्यांकन कीजिए।
  177. प्रश्न- नेपोलियन युग का महत्व स्पष्ट कीजिए।
  178. प्रश्न- नेपोलियन द्वारा राजतन्त्रवादियों के विद्रोहों के दमन पर लघु लेख लिखिए।
  179. प्रश्न- नेपोलियन पर रोमन कानून का क्या प्रभाव पड़ा?
  180. प्रश्न- नेपोलियन की सफलता के प्रमुख कारण कौन-कौन से थे? स्पष्ट कीजिए।
  181. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट ने फ्रांस के सम्राट का पद कैसे ग्रहण किया? अतः जनता ने उसे क्यों मान्यता दी?
  182. प्रश्न- नेपोलियन के प्रशासन सम्बन्धी सुधारों का वर्णन करो?
  183. प्रश्न- नेपोलियन प्रथम के पतन के कारणों पर प्रकाश डालिए।
  184. प्रश्न- प्रथम कॉन्सल के रूप में नेपालियन द्वारा किए गए सुधारों का वर्णन कीजिए।
  185. प्रश्न- नेपोलियन बोनापार्ट का मूल्यांकन कीजिए।
  186. प्रश्न- नेपोलियन के सार्वजनिक और शिक्षा सम्बन्धी सुधारों का वर्णन कीजिए?

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